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सरकारी योजना

बिना डिग्री चल रहे अस्पताल पर रेड, दवाइयां सील, संचालक पर केस दर्ज

Raman Deep Kharyana :-

रतिया में सीएम फ्लाइंग की बड़ी कार्रवाई


सीएम फ्लाइंग हिसार रेंज इन्चार्ज सुनैना के नेतृत्व में रेड


फतेहाबाद, 06 अक्टूबर।

फतेहाबाद जिले के रतिया शहर में सोमवार को सीएम फ्लाइंग टीम हिसार ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने शहर के सिद्दू अस्पताल पर रेड मारकर बिना मेडिकल डिग्री व बिना अनुमति के अस्पताल चलाने, मरीजों को दाखिल कर इलाज करने और बिना लाइसेंस के दवाइयां रखने के गंभीर आरोपों में कार्रवाई की। इस कार्रवाई से क्षेत्रभर में हड़कंप मच गया और ऐसे फर्जी डॉक्टरों में भगदड़ मच गई जो बिना योग्यता के लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे।


टीम ने बिना अनुमति चलाये जा रहे निजी अस्पताल में की रेड


रेड का नेतृत्व सीएम फ्लाइंग हिसार रेंज इंचार्ज सुनैना ने किया। उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल अफसर डॉ. प्रणव, डॉ. प्रवीण, ड्रग इंस्पेक्टर डॉ. धीरज कुमार, एएसआई सुरेंद्र व एचसी विजय भी मौजूद रहे।


सीएम फ्लाइंग हिसार रेंज इंचार्ज सुनैना ने बताया कि टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि रतिया में सिद्दू अस्पताल नामक निजी संस्थान को बिना डिग्री धारक व्यक्ति चला रहा है, जहां मरीजों को भर्ती करके इलाज किया जा रहा है। अस्पताल संचालन के लिए किसी प्रकार की अनुमति भी नहीं ली गयी है। सूचना मिलते ही सोमवार सुबह टीम ने अचानक छापा मारा।


बिना अनुमति 14 बेड का अस्पताल संचालित


जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि अस्पताल में 14 बेड लगाए गए हैं, जिनकी स्वास्थ्य विभाग से कोई परमिशन नहीं थी। मौके पर कई मरीज भर्ती पाए गए, लेकिन किसी भी मरीज की एडमिशन फाइल या मेडिकल रिकॉर्ड नहीं मिला।

मौके पर जोगिंदर नामक व्यक्ति मरीजों का चेकअप करता पाया गया, लेकिन उसके पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं थी। पूछताछ में उसने बताया कि अस्पताल में एक डॉक्टर नरेश जिंदल कार्यरत हैं, लेकिन जब डॉ. नरेश जिंदल मौके पर पहुंचे तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनका इस अस्पताल से कोई संबंध नहीं है। मौके पर एक स्टाम्प भी मिली है जो डॉ जोंगेन्द्र के नाम से बनाई गई है।


अनट्रेंड स्टाफ और बिना लाइसेंस मेडिकल स्टोर मिला


रेड के दौरान टीम को अस्पताल में हेल्पर के तौर पर 2 लड़की व 3 लड़के मिले जो मरीजों की देखभाल के लिए रखे गए थे, परंतु सभी अनट्रेंड थे। इन्हें मात्र 3 से 7 हजार रुपये मासिक वेतन पर नियुक्त किया गया था।

टीम ने आगे जांच में पाया कि अस्पताल के भीतर ही एक मेडिकल स्टोर बनाया गया है, जहां काफी मात्रा में दवाइयां रखी गई थीं। ड्रग इंस्पेक्टर डॉ. धीरज कुमार ने बताया कि स्टोर का कोई लाइसेंस नहीं मिला, न ही कोई फार्मासिस्ट मौके पर मौजूद था।

सभी दवाइयों को सील कर लिया गया और अस्पताल से संबंधित सभी रिकॉर्ड जब्त किए गए।


कानूनी कार्रवाई शुरू


सीएम फ्लाइंग हिसार रेंज इंचार्ज सुनैना ने बताया कि बिना मेडिकल डिग्री के अस्पताल चलाना, मरीजों को भर्ती करना, बिना अनुमति बेड लगाना और बिना लाइसेंस के दवाइयां बेचना कानूनन अपराध है।

इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है और संबंधित संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।


उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी निजी अस्पताल केवल योग्य व डिग्रीधारक डॉक्टर ही संचालित कर सकता है और हर अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग से मान्यता व अनुमति अनिवार्य रूप से लेनी होती है।

उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे बिना अनुमति और बिना डिग्री वाले अस्पतालों में इलाज न करवाएं, क्योंकि ऐसा करना स्वास्थ्य और जान दोनों के लिए खतरा साबित हो सकता है। प्रदेश सरकार ने सभी शहरों में सामान्य अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण इलाज की व्यवस्था की हुई है, जिनका नागरिक लाभ उठा सकते हैं।


क्षेत्र में मचा हड़कंप, जनता ने की कार्रवाई की सराहना


सीएम फ्लाइंग की इस कार्रवाई के बाद रतिया ही नहीं बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों में बिना डिग्री वाले चिकित्सकों में हड़कंप मच गया। कई लोगों ने अपने क्लीनिक बंद कर दिए।

वहीं, स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई की खुले तौर पर सराहना की और कहा कि सरकार व प्रशासन को ऐसे फर्जी डॉक्टरों और झोलाछाप अस्पतालों पर लगातार कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सबक सिखाया जा सके।


बिना डिग्री चल रहे अस्पताल पर रेड, दवाइयां सील, संचालक पर केस दर्ज

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